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Lectionary Theme: Sacred Music Sunday: Divine music that rejuvenates life (Fifth Sunday after Easter)
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Judges 5:1-12 First Lesson
1. जिस दिन इस्राएल के लोगों ने सीसरा को हराया उस दिन दबोरा और अबीनोअम के पुत्र बाराक ने इस गीत को गाया:
2. इस्राएल के लोगों ने अपने को युद्ध के लिये तैयार किया। लोग युद्ध में जाने के लिये स्वयं आए! यहोवा को धन्य कहो!
3. “राजाओं, सुनो। शासकों, ध्यान दो। मैं गाऊँगी। मैं स्वयं यहोवा के प्रति गाऊँगी। मैं यहोवा, इस्राएल के लोगों के परमेश्वर की स्तुति करूँगी।
4. “हे यहोवा, अतीत में तू सेईर देश से आया। तू एदोम प्रदेश से चलकर आया, और धरती काँप उठी। गगन ने वर्षा की। मेघों ने जल गिराया।
5. पर्वत काँप उठे यहोवा, सीनै पर्वत के परमेश्वर के सामने, यहोवा, इस्राएल के लोगों के परमेश्वर के सामने!
6. “अनात का पुत्र शमगर के समय में याएल के समय में, मुख्य पथ सूने थे। काफिले और यात्री गौण पथों से चलते थे।
7. “कोई योद्धा नहीं था। इस्राएल में कोई योद्धा नहीं था, हे दबोरा, जब तक तुम न खड़ी हुई, जब तक तुम इस्राएल की माँ बन कर न खड़ी हुई।
8. “परमेश्वर ने नये प्रमुखों को चुना कि वे नगर—द्वार पर युद्ध करें। इस्राएल के चालीस हजार सैनिकों में कोई ढाल और भाला नहीं पा सका।
9. “मेरा हृदय इस्राएल के सेनापतियों के साथ है। ये सेनापति इस्राएल के लोगों में से स्वयं आए! यहोवा को धन्य कहो!
10. “श्वेत गधों पर सवार होने वाले लोगो तुम, जो कम्बल की काठी पर बैठते हो और तुम जो राजपथ पर चलते हो, ध्यान दो!
11. घुंघरूओं की छमछम पर, पशुओं को लिए पानी वाले कूपों पर, वे यहोवा की विजय की कथाओं को कहते हैं, इस्राएल में यहोवा और उसके वीरों की विजय—कथा कहते हैं। उस समय यहोवा के लोग नगर—द्वारों पर लड़े और विजयी हुये!
12. “दबोरा जागो, जागो! जागो, जागो गीत गाओ! जागो, बाराक! जाओ, हे अबीनोअम के पुत्र अपने शत्रुओं को पकड़ो!
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Revelation 15:1-8 Second Lesson
1. आकाश में फिर मैंने एक और महान एवम् अदभुत चिन्ह देखा। मैंने देखा कि सात दूत हैं जो सात अंतिम महाविनाशों को लिए हुए हैं। ये अंतिम विनाश हैं क्योंकि इनके साथ परमेश्वर का कोप भी समाप्त हो जाता है।
2. फिर मुझे काँच का एक सागर सा दिखायी दिया जिसमें मानो आग मिली हो। और मैंने देखा कि उन्होंने उस पशु की मूर्ति पर तथा उसके नाम से सम्बन्धित संख्या पर विजय पा ली है, वे भी उस काँच के सागर पर खड़े हैं। उन्होंने परमेश्वर के द्वारा दी गयी वीणाएँ ली हुई थीं।
3. वे परमेश्वर के सेवक मूसा और मेमने का यह गीत गा रहे थे: “वे कर्म जिन्हें तू करता रहता, महान हैं। तेरे कर्म अदभुत, तेरी शक्ति अनन्त है, हे प्रभु परमेश्वर, तेरे मार्ग सच्चे और धार्मिकता से भरे हुए हैं, सभी जातियों का राजा,
4. हे प्रभु, तुझसे सब लोग सदा भयभीत रहेंगे। तेरा नाम लेकर सब जन स्तुति करेंगे, क्योंकि तू मात्र ही पवित्र है। सभी जातियाँ तेरे सम्मुख उपस्थित हुई तेरी उपासना करें। क्योंकि तेरे कार्य प्रकट हैं, हे प्रभु तू जो करता वही न्याय है।”
5. इसके पश्चात् मैंने देखा कि स्वर्ग के मन्दिर अर्थात् वाचा के तम्बू को खोला गया
6. और वे सातों दूत जिनके पास अंतिम सात विनाश थे, मन्दिर से बाहर आये। उन्होंने चमकीले स्वच्छ सन के उत्तम रेशों के बने वस्त्र पहने हुए थे। अपने सीनों पर सोने के पटके बाँधे हुए थे।
7. फिर उन चार प्राणियों में से एक ने उन सातों दूतों को सोने के कटोरे दिए जो सदा-सर्वदा के लिए अमर परमेश्वर के कोप से भरे हुए थे।
8. वह मन्दिर परमेश्वर की महिमा और उसकी शक्ति के धुएँ से भरा हुआ था ताकि जब तक उन सात दूतों के सात विनाश पूरे न हो जायें, तब तक मन्दिर में कोई भी प्रवेश न करने पाये।
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Ephesians 5:9-2 Epistle
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Luke 1:46-55 Gospel
46. इस पर मरियम के वचन ये थे: “मेरा प्राण प्रभु की प्रशंसा करता है
47. और मेरी अन्तरात्मा परमेश्वर, मेरे उद्धारकर्ता में आनन्दित हुई है,
48. क्योंकि उन्होंने अपनी दासी की दीनता की ओर दृष्टि की है. अब से सभी पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी,
49. क्योंकि सामर्थी ने मेरे लिए बड़े-बड़े काम किए हैं. पवित्र है उनका नाम.
50. उनकी दया उनके श्रद्धालुओं पर पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है.
51. अपने भुजबल से उन्होंने प्रतापी काम किए हैं और अभिमानियों को बिखरा दिया है.
52. परमेश्वर ने राजाओं को उनके सिंहासनों से नीचे उतार दिया तथा विनम्रों को उठाया है.
53. उन्होंने भूखों को उत्तम पदार्थों से तृप्त किया तथा सम्पन्नों को खाली लौटा दिया.
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55. उन्होंने अपने सेवक इस्राएल की सहायता अपनी उस करूणा के स्मरण में की, जिसकी प्रतिज्ञा उसने हमारे बाप-दादों से करी थी और जो अब्राहाम तथा उनके वंशजों पर सदा सर्वदा रहेगी”.